रिश्ते

रिश्ते

रिश्तों से क्या चाहते हैं हम? क्यों आती हैं कड़वाहटें? क्या इस अंतर्द्वंद्ध के निवारण का प्रयास सत्य के दर्शन में सहायक हो सकता है?